भारत
के सबसे भारी रॉकेट जीएसएलवी एमके थ्री का श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष
केन्द्र से प्रक्षेपण के लिए 25 घंटे से अधिक की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी
है। ISRO का यह रॉकेट संचार उपग्रह जीसैट-19 को लेकर जाएगा। जीएसएलवी एमके
थ्री-डी 1 रॉकेट को सोमवार शाम 5 बजकर 28 मिनट पर यहां से तकरीबन 120
किलोमीटर दूर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लांच पैड से उड़ान भरना
है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने कहा, ‘‘GSLV MK 3D-1 के प्रक्षेपण के लिए 25 घंटे से अधिक की उल्टी गिनती अपराह्न तीन बजकर 58 मिनट पर शुरू हुई।’’ इसरो अध्यक्ष एस एस किरण कुमार ने कहा कि मिशन महत्वपूर्ण है, ‘‘क्योंकि यह अब तक का सबसे भारी रॉकेट और उपग्रह है जिसे देश से छोड़ा जाना है।’’
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने कहा, ‘‘GSLV MK 3D-1 के प्रक्षेपण के लिए 25 घंटे से अधिक की उल्टी गिनती अपराह्न तीन बजकर 58 मिनट पर शुरू हुई।’’ इसरो अध्यक्ष एस एस किरण कुमार ने कहा कि मिशन महत्वपूर्ण है, ‘‘क्योंकि यह अब तक का सबसे भारी रॉकेट और उपग्रह है जिसे देश से छोड़ा जाना है।’’
उन्होंने यहां हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘जीएसएलवी एमके थ्री-डी 1 और जीसैट-19 मिशन के लिए सारी गतिविधियां चल रही हैं। कल शाम पांच बजकर 28 मिनट पर हम प्रक्षेपण की उम्मीद कर रहे हैं।’’ अब तक 2300 किलोग्राम से अधिक वजन के संचार उपग्रहों के लिए इसरो को विदेशी लांचरों पर निर्भर करना पड़ता था। जीएसएलवी एमके थ्री-डी 1 4000 किलोग्राम तक के पेलोड को उठाकर भूतुल्यकालिक अंतरण कक्षा (जीटीओ) और 10 हजार किलोग्राम तक के पेलोड को पृथ्वी की निचली कक्षा में पहुंचाने में सक्षम है। कल के मिशन में वाहन के उड़ान भरने के बाद अपराह्न चार बजकर 20 मिनट पर जीसैट-19 को जीटीओ में प्रक्षेपित करने का कार्यक्रम है।
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