अमेरिकी हैकरों का कुमाऊं विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर हमला
अमेरिकी हैकरों का कुमाऊं विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर हमला
अमेरिकी हैकरों का कुमाऊं विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर हमला
अमेरिकी हैकरों का कुमाऊं विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर हमलाअमेरिकी हैकरों का कुमाऊं विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर हमला आइआइटी रुड़की के विशेषज्ञों ने कुलपति प्रो. डीके नौडियाल को सौंपी रिपोर्ट में बताया है कि एडमिशन वेबसाइट पर 19 जून को अमेरिका से 128 साइबर हमले किए गए थे। नैनीताल, [किशोर जोशी]: कुमाऊं विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अमेरिकी हैकर लगातार साइबर हमले कर रहे हैं।
दो दिनों में 228 बार साइबर हमला कर वेबसाइट को क्षति पहुंचाने की कोशिश का खुलासा विश्वविद्यालय की तकनीकी टीम ने किया है। इससे विश्वविद्यालय प्रशासन सकते में है। आशंका जताई गई है कि यह एडमिशन की ऑनलाइन प्रक्रिया का विरोध कर रहे लोगों की साजिश हो सकती है। आइआइटी रुड़की के विशेषज्ञों की देखरेख में सॉफ्टवेयर तैयार कराने वाले डॉ. महेंद्र राणा ने सोमवार को कुलपति प्रो. डीके नौडियाल को सौंपी रिपोर्ट में बताया है कि एडमिशन वेबसाइट पर 19 जून को अमेरिका से 128 साइबर हमले किए गए थे। पहले दिन इसे किसी हैकर की शरारत मानकर मामले को नजरअंदाज किया गया, लेकिन सोमवार को फिर अमेरिका में बैठे हैकर ने सुबह से दोपहर तक वेबसाइट पर 100 बार हमला कर प्रोग्रामिंग को क्षति पहुंचाने की कोशिश की।
ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया का हो रहा विरोध विवि प्रशासन ने पहली बार कुमाऊं विवि व संबद्ध परिसरों के लिए ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरू कराई है। इसके लिए 15 जून को वेबसाइट लांच की गई थी। कुछ छात्र संगठन इस प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं। चर्चा है कि विवि के कुछ लोग भी नहीं चाहते कि प्रवेश प्रक्रिया ऑनलाइन हो। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि पहाड़ के दुर्गम, दूरस्थ क्षेत्र जहां नेटवर्क की सुविधा नहीं है, वहां के छात्रों के लिए यह प्रणाली सिरदर्द है।
4500 ने लिया ऑनलाइन पंजीकरण तमाम विरोध व वेबसाइट पर हैकरों के हमलों के बावजूद अब तक चार हजार पांच सौ छात्रों ने ऑनलाइन एडमिशन के लिए पंजीकरण करा लिया है। मामले में विधिक कार्रवाई भी की जाएगी कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डीके नौडियाल ने कहा कि विवि की वेबसाइट पर साइबर अटैक की जानकारी मिली है। सॉफ्टवेयर तैयार करने में पूरी सावधानी बरती गई है। दूरस्थ क्षेत्रों के महाविद्यालयों के प्राचार्यों से साइबर हमलों के चलते पेश आई दिक्कतों के बारे में जानकारी ली जा रही है। इस मामले में विधिक कार्रवाई भी की जाएगी।
अमेरिकी हैकरों का कुमाऊं विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर हमला
अमेरिकी हैकरों का कुमाऊं विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर हमला
आइआइटी रुड़की के विशेषज्ञों ने कुलपति प्रो.
डीके नौडियाल को सौंपी रिपोर्ट में बताया है कि एडमिशन वेबसाइट पर 19 जून
को अमेरिका से 128 साइबर हमले किए गए थे।
नैनीताल,
[किशोर जोशी]: कुमाऊं विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अमेरिकी हैकर लगातार
साइबर हमले कर रहे हैं। दो दिनों में 228 बार साइबर हमला कर वेबसाइट को
क्षति पहुंचाने की कोशिश का खुलासा विश्वविद्यालय की तकनीकी टीम ने किया
है। इससे विश्वविद्यालय प्रशासन सकते में है। आशंका जताई गई है कि यह
एडमिशन की ऑनलाइन प्रक्रिया का विरोध कर रहे लोगों की साजिश हो सकती है।आइआइटी रुड़की के विशेषज्ञों की देखरेख में सॉफ्टवेयर तैयार कराने वाले डॉ. महेंद्र राणा ने सोमवार को कुलपति प्रो. डीके नौडियाल को सौंपी रिपोर्ट में बताया है कि एडमिशन वेबसाइट पर 19 जून को अमेरिका से 128 साइबर हमले किए गए थे। पहले दिन इसे किसी हैकर की शरारत मानकर मामले को नजरअंदाज किया गया, लेकिन सोमवार को फिर अमेरिका में बैठे हैकर ने सुबह से दोपहर तक वेबसाइट पर 100 बार हमला कर प्रोग्रामिंग को क्षति पहुंचाने की कोशिश की।
ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया का हो रहा विरोध
विवि प्रशासन ने पहली बार कुमाऊं विवि व संबद्ध परिसरों के लिए ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरू कराई है। इसके लिए 15 जून को वेबसाइट लांच की गई थी। कुछ छात्र संगठन इस प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं। चर्चा है कि विवि के कुछ लोग भी नहीं चाहते कि प्रवेश प्रक्रिया ऑनलाइन हो। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि पहाड़ के दुर्गम, दूरस्थ क्षेत्र जहां नेटवर्क की सुविधा नहीं है, वहां के छात्रों के लिए यह प्रणाली सिरदर्द है।
4500 ने लिया ऑनलाइन पंजीकरण
तमाम विरोध व वेबसाइट पर हैकरों के हमलों के बावजूद अब तक चार हजार पांच सौ छात्रों ने ऑनलाइन एडमिशन के लिए पंजीकरण करा लिया है।
मामले में विधिक कार्रवाई भी की जाएगी
कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डीके नौडियाल ने कहा कि विवि की वेबसाइट पर साइबर अटैक की जानकारी मिली है। सॉफ्टवेयर तैयार करने में पूरी सावधानी बरती गई है। दूरस्थ क्षेत्रों के महाविद्यालयों के प्राचार्यों से साइबर हमलों के चलते पेश आई दिक्कतों के बारे में जानकारी ली जा रही है। इस मामले में विधिक कार्रवाई भी की जाएगी।अमेरिकी हैकरों का कुमाऊं विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर हमला Publish Date:Tue, 27 Jun 2017 01:48 PM (IST) | Updated Date:Tue, 27 Jun 2017 08:47 PM (IST) अमेरिकी हैकरों का कुमाऊं विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर हमलाअमेरिकी हैकरों का कुमाऊं विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर हमला आइआइटी रुड़की के विशेषज्ञों ने कुलपति प्रो. डीके नौडियाल को सौंपी रिपोर्ट में बताया है कि एडमिशन वेबसाइट पर 19 जून को अमेरिका से 128 साइबर हमले किए गए थे। नैनीताल, [किशोर जोशी]: कुमाऊं विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अमेरिकी हैकर लगातार साइबर हमले कर रहे हैं। दो दिनों में 228 बार साइबर हमला कर वेबसाइट को क्षति पहुंचाने की कोशिश का खुलासा विश्वविद्यालय की तकनीकी टीम ने किया है। इससे विश्वविद्यालय प्रशासन सकते में है। आशंका जताई गई है कि यह एडमिशन की ऑनलाइन प्रक्रिया का विरोध कर रहे लोगों की साजिश हो सकती है। आइआइटी रुड़की के विशेषज्ञों की देखरेख में सॉफ्टवेयर तैयार कराने वाले डॉ. महेंद्र राणा ने सोमवार को कुलपति प्रो. डीके नौडियाल को सौंपी रिपोर्ट में बताया है कि एडमिशन वेबसाइट पर 19 जून को अमेरिका से 128 साइबर हमले किए गए थे। पहले दिन इसे किसी हैकर की शरारत मानकर मामले को नजरअंदाज किया गया, लेकिन सोमवार को फिर अमेरिका में बैठे हैकर ने सुबह से दोपहर तक वेबसाइट पर 100 बार हमला कर प्रोग्रामिंग को क्षति पहुंचाने की कोशिश की। ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया का हो रहा विरोध विवि प्रशासन ने पहली बार कुमाऊं विवि व संबद्ध परिसरों के लिए ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरू कराई है। इसके लिए 15 जून को वेबसाइट लांच की गई थी। कुछ छात्र संगठन इस प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं। चर्चा है कि विवि के कुछ लोग भी नहीं चाहते कि प्रवेश प्रक्रिया ऑनलाइन हो। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि पहाड़ के दुर्गम, दूरस्थ क्षेत्र जहां नेटवर्क की सुविधा नहीं है, वहां के छात्रों के लिए यह प्रणाली सिरदर्द है। 4500 ने लिया ऑनलाइन पंजीकरण तमाम विरोध व वेबसाइट पर हैकरों के हमलों के बावजूद अब तक चार हजार पांच सौ छात्रों ने ऑनलाइन एडमिशन के लिए पंजीकरण करा लिया है। मामले में विधिक कार्रवाई भी की जाएगी कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डीके नौडियाल ने कहा कि विवि की वेबसाइट पर साइबर अटैक की जानकारी मिली है। सॉफ्टवेयर तैयार करने में पूरी सावधानी बरती गई है। दूरस्थ क्षेत्रों के महाविद्यालयों के प्राचार्यों से साइबर हमलों के चलते पेश आई दिक्कतों के बारे में जानकारी ली जा रही है। इस मामले में विधिक कार्रवाई भी की जाएगी।
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